Wednesday, August 30, 2017

अर्तिका

#शब्द_मीमांसा #12

शब्द - अर्तिका

शब्द संप्रेषक - सारिका सौरभ

 शब्द अर्तिका वास्तव में संस्कृत भाषा का शब्द है इसका अर्थ होता है "बड़ी बहन" ।  इसे इसी तरह से हूबहू हिंदी भाषा ने अपना लिया बिना किसी अपभ्रंश के ।

 स्त्री को प्रत्येक रूप में पूजनीय माना गया है चाहे वो माता हो, बहन हो, पुत्री या पत्नी हो । मनु ने कहा है "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" अर्थात जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता रमण करते हैं ।

बात करते हैं बहनों की जैसा कि परम्परा रही है साल में दो बार हम बहनों से आशीर्वाद लेते हैं एक बार तो दीपावली के बाद भैया दूज में और दूसरी बार रक्षाबंधन पर । हमारे बीच एक गलत धारणा प्रचलित है कि रक्षा बंधन पर बहन भाई की कलाई पर राखी इसलिए बंधती है कि वो उसकी रक्षा करे । जी नहीं ये सत्य नहीं है वो इसलिए बांधती है ताकि उसका भाई पूरे वर्ष रोगों तथा व्याधियों से मुक्त रहे और उसे हमेशा सद्बुद्धि और सद्विचार प्राप्त हों ।

यजुर्वेद में कहा गया है "जिसे रक्षा बंधन बांधा जाता है वह पूरे वर्ष निरोग, संकटो को जीतने वाला और उत्तम विचारों वाला बना रहता है ।"  अर्थात वो बन्धन अपनी स्वयं की रक्षा के हेतु न होकर जिसे बांधते है उसकी रक्षा के लिए होता है । ताकि वह व्यक्ति अपने कर्तव्यों को पूरा कर सके जो कि उसके परिवार, समाज तथा राष्ट्र के प्रति होते है ।

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